मैं अपने सपनों के उड़ान मैं जो उड़ा ,
पूरी ताकत से उड़ा ,
सबको पीछे छोड़ते हुए उड़ा ।
सपने नजदीक थे ,
ख़ुशी करीब थी।
सब कुछ पा लिया मैंने ,
सब कुछ जीत लिए मैंने ,
सबको हरा दिया मैंने।
आज मेरे पास सब है ,
पर फिर भी कुछ नहीं ,
क्यूंकि सपनो की उस उड़ान में ,रुकना भी था ।
यह भूल गया मैं।
यह भूल गया मैं।